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श्री खमंजा राय देई जिला बूंदी |
'सोलंकीयों कि कुल देवी श्री खेंवज माताकुछ समय से सोशल नेटवर्क पर सोलंकीयों कि कुलदेवी माता खेंवज के मुख्य स्थान के रूप में भीनमाल ( जालौर ) स्थित मंदिर को प्रस्तुत किया जा रहा है , वास्तव मे माता खेंवज का मूल मंदिर बुंदी जिले की नैनवाँ तहसील मेस्थित देई ग्राम है ।बडवा जी की पोथी से जानकारी मिलती है कि पिढीयों से इस स्थान पर आकर माता खेंवज का आशिर्वाद सोलंकीयों व्दारा प्राप्त किया जाता रहा है।यहाँ के पुजारी जी (राम सिंह जी पाराशर ) से जानकारी लेने पर पता करने पर उन्होंने बताया कि जब सन् 1995 में देई में एक विशाल यज्ञ हुआ था, उसमें देश के सभी जगहों से माता के भक्त शामिल हुए थे उन्हीं में से भीनमाल के साहुकार परिवार के एक बुजुर्ग भी आये थे उन्होंने ही वापस जाकर भीनमाल के मंदिर का निर्माणकरवाया ।रिसर्चरस ने भी इस स्थान को 1100 साल प्राचीन होना प्रमाणित किया है।आप लोगों के लीए मंदिर कि संक्षिप्त जानकारी प्रस्तुत है -विक्रम संवत 1010 में मुलराज जी द्वारा मंदिर का निर्माण करवाया गया ।विक्रम संवत 1020 में बावडी का निमार्ण करवाया।संवत 1552 मे सिध्दराज जी द्वारा मंदिर का विस्तार करवाया ।विक्रम संवत 1340 मे टोडा के महाराजा गोविंदराज जी ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया ओर परकोटे का निर्माण करवाया।2500 बीघा जमीन पर खांखरे ओर खेर के पोधे लगवाकर माता जी बनी घोषित कि ।मंदिर मे श्री नागर माता श्री भेवंज माता ओर श्री खेंवज माता कि मूर्तीयां विराजमान हैं ।खेंवज माता ओर भेवंज माता के बीच महीपाल पुत्र जी ( मोरपतर जी ) की मुर्ती है जिस पर पर्दा लगा रहता है इनके दर्शन सोलंकी राजपूतों को ही करवाये जाते हैं ।मंदिर के सामने चौक मे सात शेरों कि मूर्तीयां बनी हुई है ।मंदिर परिसर मे बटुक भैरव, सिध्द गणेश कि छतरीयाँ बनी हुईं हैं ।पिछले भुतेश्वर महादेव का छोटा गुम्बद वाला मंदिर बना हुआ है।
।। जय माँ खेंवज ।।